
राजधानी | देहरादून(शरदकालीन) गैरसैण(ग्रीष्मकालीन) |
सबसे बड़ा शहर | देहरादून |
जनसंख्या | 10,086,292 |
– घनत्व | 189 /किमी² |
क्षेत्रफल | 53,483 किमी² |
– ज़िले | 13 |
राजभाषा | हिन्दी, संस्कृत[1] |
गठन | 9 नवम्बर 2000 |
सरकार | उत्तराखण्ड सरकार |
– राज्यपाल | बेबी रानी मौर्य |
– मुख्यमंत्री | पुष्कर सिंह धामी |
– विधानमण्डल | एकसदनीय विधान सभा (71 सीटें) |
– भारतीय संसद | राज्य सभा (3 सीटें) लोक सभा (5 सीटें) |
– उच्च न्यायालय | उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय |
डाक सूचक संख्या | 24 और 26 |
वाहन अक्षर | UK |
आइएसओ 3166-2 | IN-UT |
uk.gov.in |
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं।
देहरादून, उत्तराखण्ड की राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए 2020 मैं ग्रीशमालीन राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही यह मांग बुलंद हो रही थी कि पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ में ही हो। आंदोलनकारियों के साथ-साथ कई संगठन और राजनीतिक दल भी समय-समय पर गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाने की मांग उठाते रहे हैं। किन्तु विवादों और संसाधनों की कमी के चलते इस प्रक्रिया मैं काफी समय लग गया, तथा 2020 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को राज्य की समर कैपिटल (ग्रीष्मकालीन राजधानी) घोषित कर दिया।राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है।
राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है।